नहीं होता

03-05-2012

नहीं होता

देवमणि पांडेय

उसने कह दी अपनी बात अंदाज़ से सबको
फ़रियाद बेवजूद होने से कोई असर नहीं होता
युद्ध के अंदर भी साँस ली जाती है मस्ती से
मरने का डर आदमी के दिमाग़ में नहीं होता

 

ऐसे भी लोग जो सरलता को बारबार छेड़ते हैं
अन्याय के सामने बुरा बने तो ग़लत नहीं होता
लाख कोशिश करो दुनिया को नेक करने की
आदमी के दिमाग़ को बदले बिना कुछ नहीं होता

 

उसे ग़रूर था अपनी जवानी का सदा रहेगी
बुढ़ापा आने पर कभी सहज स्वीकार नहीं होता
जवानी का हरकदम बढ़ता है बुढ़ापे की तरफ़
बुढ़ापे से पहले ये सोचना भी ग़लत नहीं होता

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