नहीं छुपाऊँगा

01-08-2021

नहीं छुपाऊँगा

डॉ. जियाउर रहमान जाफरी (अंक: 186, अगस्त प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

जो  छू लिया भी   तो बाज़ू नहीं छुपाऊँगा 
मैं तेरे   हाथ की     ख़ुशबू नहीं छुपाऊँगा 
 
कि अब मैं तुमसे बहुत दूर रह नहीं सकता 
जो अबके आये तो   पल्लू नहीं छुपाऊँगा 
 
बना के   तुमको कबूतर    उड़ाने वाला हूँ 
जो   सीख रक्खा   है जादू नहीं छुपाऊँगा 
 
वो बे रहम है मेरे दिल की बात क्या समझे 
जो अब मैं   रोया तो   आँसू नहीं छुपाऊँगा 
 
कभी   नदी ने अगर कूदने    कहा भी तो 
मैं  अपने  जिस्म पे बालू    नहीं छुपाऊँगा 
 
ज़माना देख ले बाँहों में  तुमको सोते हुए 
मैं तेरे   चेहरे पे   गेसू      नहीं   छुपाऊँगा 
 
तुम्हारे इश्क़ ने   इतना  निडर बनाया है 
कोई   भी देख ले      टैटू नहीं छुपाऊँगा 

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

पुस्तक समीक्षा
साहित्यिक आलेख
बाल साहित्य कविता
स्मृति लेख
बात-चीत
पुस्तक चर्चा
किशोर साहित्य कविता
नज़्म
ग़ज़ल
कविता
कविता - क्षणिका
किशोर साहित्य कहानी
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में