राह के मुसाफिर साथ तेरे ये भी पग धरती बनाले हमसफ़र साथ तेरे चलता जो पौन है
राह तुझे ही तलाशनी है अपनी मंज़िल की तू ही बता यहाँ तेरे सिवा तेरा और कौन है
बेइंतिहा बाधायें होंगी पर तू चलना अनवरत बड़ी ज़ालिम ये दुनिया तेरे संघर्ष पर मौन है