मुनमुन गिलहरी

01-09-2021

मुनमुन गिलहरी

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 188, सितम्बर प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

(बाल कविता -सरसी छंद )
 

एक गिलहरी चुनमुन मेरी
कितनी है मासूम।
कभी उछलती कभी कूदती
ख़ूब मचाती धूम।
ताज़े ताज़े फल खाती है
कुतरे जाम अनार।
प्यारी-सी आवा़ सुनाकर
करदे मन गुलज़ार।
 
चिड़ियों के सँग आँख मिचौली
खेले दिन भर ख़ूब।
टींटीं-टींटीं शोर मचाये
कभी कुतरती दूब।
मुनमुन मुझको प्यारी लगती
वो है मेरी मित्र।
सुबह सुबह ही आज बनाया
मैंने उसका चित्र।

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