तुम्हारे बारे में सोचते हुए आदतन, बार-बार मोबाईल को जेब से निकाल कर देख लिया करता था यह सोच करके कि कंही तुम्हारा कोई ‘काल’ मैं ‘मिस’ ना कर दूँ हँसी आती है यह सोच के कि मैं कितना ‘मिस’ करता था।