मिरी लाडली है मेरी जान है तू 

01-03-2021

मिरी लाडली है मेरी जान है तू 

कु. सुरेश सांगवान 'सरू’ (अंक: 176, मार्च प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

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मिरी लाडली है मेरी जान है तू 
ज़माने में मेरी ही पहचान है तू
 
उजाले सितारों के कम लग रहे हैं 
नई रोशनी की नई खान है तू 
 
बता दे तुझे और तोहफ़ा मैं क्या दूं 
ख़ुदाई का सारा ही सामान है तू
 
भला क्या दुआ और मांगू ख़ुदा से 
उसी का दिया एक वरदान है तू 
 
मिरे इस चमन की चहकती सी चिड़िया 
गुलों की महक और मुस्कान है तू
 
 दुआऐं बड़ों की सदा लेती रहना
 बला से ज़माने की अनजान है तू
 
लिखूँगी सदा ही मैं तुझपे इबारत
मिरे गीत ग़ज़लों का उन्वान है तू

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