मतदान
मंजुल सिंहचुनाव आते है
नौकरशाही से लबरेज़
वो डी.एम. हर बार आता है
और
ज़रूरी सूचना बता कर चला जाता है
मतदान देना आपका अधिकार है
इस बार अधिक से अधिक मतदान करें
और इस उत्सव में शामिल हो
पर मतदान के बाद उस डी.एम.
को अपने प्रमोशन की चिंता सताती है
वो भूल जाता है और
कभी बताने नहीं आता
कि मतदान से अधिक ज़रूरी है
बच्चो को स्कूल भेजना!