मन करता है फिर से

15-04-2021

मन करता है फिर से

प्रवीण कुमार शर्मा  (अंक: 179, अप्रैल द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

मन करता है फिर से
उन जज़्बातों को जीने का
जिनमें तू शामिल हो।
मन करता है फिर से
उन यादों को सँजोने का
जिनमें तू  बसती हो।
मन करता है फिर से
उस भूत में झाँकने का
जिसमें तेरा अक्स नज़र आता हो।
मन करता है फिर से
उन स्वप्नों में खोने का
जिनमें तेरा स्वप्निल दीदार हो।
मन करता है फिर से
इबादत करने का
गर दिल में तेरी जैसी मूरत हो।
मन करता है फिर से
जन्मने-मरने का
गर तेरे जैसा हसीं दिल हो।
मन करता है फिर से
प्रेम 'सरिता' में डूबने का
गर तेरे हृदय जैसा स्वच्छ सलिल हो॥

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