माँ की ममता

पंखुरी (अंक: 168, नवम्बर प्रथम, 2020 में प्रकाशित)

माँ की ममता है अपरम्पार,
यह तो है एक प्यार भरा सार।
माँ-बच्चे के बीच होता है एक अदृश्य तार,
जो देखने से भी न दिखे बार-बार॥
 
बच्चे के बचाव के लिए 
वह कर सकती है कोई भी हद पार,
उस वक़्त बन सकता  है 
उसका हाथ भी एक हथियार।
माँ के चरणों में भगवान का हर रूप होता है,
माँ में ही ईश्वर का हर स्वरूप होता है॥
 
माँ जो हर बच्चे के दिल की चाह होती है,
मुसीबत में एक नई राह होती है।
जो हर किसी के क़रीब नहीं होती,
जो हर किसी को नसीब नहीं  होती॥
 
जिनकी माँ हो, 
उसे क्या पता कि माँ क्या होती है,
माँ को जानना है, 
तो उनसे पूछो जिनकी माँ नहीं होती है॥

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