लड़ाई जारी है

01-04-2020

लड़ाई जारी है

निहारिका चौधरी (अंक: 153, अप्रैल प्रथम, 2020 में प्रकाशित)

मेरी ख़ुद से लड़ाई जारी है,
जो देखा है सपना कुछ कर दिखाने की,
अपने माता पिता के विश्वास को 
बरक़रार रख बुलंदियों को छू जाने की,
अपने परिवार का बेटा बन 
उन ज़िम्मेदारियों को पूरा करने की,
नींद को हराकर, ख़ुद से लड़कर 
अपने हर सपने को 
साकार होते देखने की 
मेरी ख़ुद से लड़ाई अभी जारी है।


बेज़ुबानों की रक्षा कर, 
बूढ़े बुज़ुर्ग की सेवा करने की 
जो एक सोच मन में ठानी है,
जब तक पूरा ना कर लूँ उस सोच को 
तब तक -
मेरी ख़ुद से लड़ाई जारी है।


जिन्होंने बचपन से लेकर 
अभी तक मेरा ख़्याल रखा, 
मेरी हर ज़रूरत का ख़्याल रखा,
मुझे पढ़ा लिखा कर बड़ा किया, 
उन माता पिता की अब हर ख़्वाहिश,
हर छोटी बड़ी ख़ुशी की मेरी ज़िम्मेदारी है,
जो वो हर पल हमारे लिए परेशान रहते हैं,
हमारे भविष्य को लेकर,
जब तक उनके चेहरे पर 
मैं ख़ुशी ना देख लूँ तब तक
मेरी ख़ुद से लड़ाई जारी है॥

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