कुदरत के उपहार

15-06-2019

कुदरत के उपहार

मुकेश बोहरा ’अमन’

भँवरे, तितली, कलियाँ, उपवन,
फूलों के सब उपहार।

 

चाँद-सितारे, प्यारे सारे,
कुदरत के उपहार॥1॥

 

रंग-बिरंगी धरती प्यारी,
रंग भरे त्योहार।

 

स्वप्न सलोने, खेल-खिलौने,
होते यहाँ साकार॥2॥

 

गीत, मीत, संगीत सुहाने,
बालमनों को प्यार।

 

सबको सुख के प्यारे-प्यारे,
मिलते है उपहार॥3॥

1 टिप्पणियाँ

  • 15 Jun, 2019 11:15 AM

    Nicy and so sweet kavi and my brother and father and guru

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