कोशिश है

15-03-2021

कोशिश है

संजय कवि ’श्री श्री’ (अंक: 177, मार्च द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

परदे की ओट में
ख़ुद को छुपाने की कोशिश है,
थोड़ा सा दिखाना
क़यामत ढाने की कोशिश है।


अनजान तुम भी नहीं
अपनी मासूम गुस्ताख़ियों से,
'तुम्हे इल्म नहीं कोई'
बस ये बताने की कोशिश है।

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