खेलन को होली आज  तेरे  द्वार आया हूँ

15-03-2021

खेलन को होली आज  तेरे  द्वार आया हूँ

निज़ाम-फतेहपुरी (अंक: 177, मार्च द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

बहर मीटर- 221 2121 1221 212
अरकान-मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईल फ़ाइलुन
 
खेलन को होली आज  तेरे  द्वार आया हूँ।
खाकर के गोला भांग का मैं यार आया हूँ॥
 
मानो बुरा  न  यार  है  त्यौहार  होली का।
ख़ुशियाँ मनाने अपने मैं परिवार आया हूँ॥
 
छुप कर कहाँ है बैठा  ज़रा सामने तो आ।
पहले भी रंगने तुझको मैं हर बार आया हूँ॥
 
महफ़िल सजी है फाग की मदहोश हैं सभी।
शोभन में पाने प्यार  मैं  सरकार आया हूँ॥
 
होली  निज़ाम  खेल के  मस्ती में मस्त है।
कुछ तो करो  कृपा  तेरे  दरबार आया हूँ॥
 
– निज़ाम-फतेहपुरी

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