कविता तुम्हारे नाम

15-08-2020

कविता तुम्हारे नाम

सौरभ मिश्रा (अंक: 162, अगस्त द्वितीय, 2020 में प्रकाशित)

कविता शुरू करना
दाल के अदहन के साथ
और बासन की कालिख
छुड़ाते हुए हुए 
ख़तम करना पाठ
अगर भाव
पुरबी हवा के
पछुवा में बदलने तक
गूँजता रहा मन में,
मैं समझूँगा
सफल हुआ काव्य
तुम पढ़ोगी न?

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