कौन सा वक़्त

01-08-2021

कौन सा वक़्त

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 186, अगस्त प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

न जाने कौन सा वक़्त है
जो वक़्त के साथ
सब कुछ ढलता जा रहा है।
न जाने कौन सा वक़्त है
जो वक़्त के साथ
सब कुछ बदलता जा रहा है।
न जाने कौन सा वक़्त है
जो वक़्त के साथ
सब कुछ ख़ामोश करता जा रहा है।
न जाने कौन सा वक़्त है
जो वक़्त के साथ
सब कुछ ठहरता जा रहा है।
न जाने कौन सा वक़्त है
जो वक़्त के साथ
जो सब कुछ छीनता जा रहा है।
न जाने कौन सा वक़्त है
जो वक़्त के साथ
सब कुछ नज़र अंदाज़ करता जा रहा है।

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