कलाकार

डॉ. राजेन्द्र  वर्मा (अंक: 155, मई प्रथम, 2020 में प्रकाशित)

आपने भी  
देखा होगा  
अकाल से ग्रस्त 
किसी वीरान में  
भूख से पीड़ित 
एक बच्चे को  
गिद्ध के सामने 
ला......चार!


छायाचित्र साझा कर  
अपनी 
गहरी .......... संवेदना की 
अभिव्यक्ति का
नमूना 
दर्शाने वाले छायाकार को— 
........ किसी सजीव की 
प्रतिक्रिया ने 
झकझोर दिया था  
ख़ुदकुशी के लिए 
मजबूर किया था। 


प्रश्न यही कि— 
क्या ? 
मेरी संवेदना 
जब 
लाचार होती है 
तो 
कलाकार होती है!
या कि 
कला  
चिर-संचित-संवेदना का 
व्यक्ति-व्यापार होती है। 

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