जो बन जाऊँ कभी जादूगर

01-06-2021

जो बन जाऊँ कभी जादूगर

खुशी (अंक: 182, जून प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

जो बन जाऊँ कभी जादूगर
तो ऐसा जादू चलाऊँगी।
बिन कहे ही सब समझ जाओ तुम
जबभी छड़ी घुमाऊँगी।
 
सब तुमको समझाऊँगी
अपनी उलझन भी सुलझाऊँगी।
ख़्वाबों से निकाल तुम्हें
अपने पास ही बिठाऊँगी।
 
पढ़ लँगी तुम्हारा भी मन
तुम्हें सारी रात जगाऊँगी।
तुम्हारे सपनों में आकर
मैं भी तुम्हें सताऊँगी।
 
जो बन जाऊँ कभी जादूगर
तो ऐसा जादू चलाऊँगी।
बिन कुछ कहे ही
तुम्हारे दिल में जगह बनाऊँगी।

1 टिप्पणियाँ

  • 16 Jul, 2022 09:39 AM

    जन्मदिन की अशेष शुभकामनाएं कवयित्री जी..

कृपया टिप्पणी दें