जिसकी आँख से आँसू गिरा ही नहीं
अवनीश कुमार गुप्ताजिसकी आँख से आँसू गिरा ही नहीं
उसने प्यार किया ही नहीं
जहाँ न हो खुशी के साथ ग़म
ऐसा कोई घर हुआ ही नहीं
वो मेरे संग सालों-साल रहा
कभी उसने मुझे छुआ ही नहीं
मेरे घर को सामानों से सजाया
पर लगा जैसे कुछ दिया ही नहीं
एक बार उसका हाथ माथे को छू ले
लगे मुझको कि दर्द हुआ ही नहीं