हमने उनका नाम
ईश्वर अल्लाह रख दिया
मंदिर-मस्जिदें बनवा दीं
और मंदिर-मस्जिद पर
हम झगड़ा करते हैं
लड़ते हैं
पक्षियों ने
उनका कोई नाम नहीं रखा
उनके लिए कुछ नहीं बनवाया
वे हमारे ही बनाये
शिखर गुंबजों पर
आकर बैठते हैं
न लड़ते हैं न झगड़ते हैं
सारे मिलकर
एक साथ चहकते हैं