हो गई खाँसी

01-02-2020

हो गई खाँसी

डॉ. जियाउर रहमान जाफरी (अंक: 149, फरवरी प्रथम, 2020 में प्रकाशित)

सुनो न मम्मी बात ज़रा सी 
देखो मुझको हो गई खांसी 


दुःख भी ये क्या कम है मेरा 
जमा हुआ बलग़म है मेरा 


कुछ-कुछ देखो सर्दी भी है 
नाक से आता पानी भी है 


दर्द भी कुछ-कुछ बढ़ जाता है 
शाम में फ़ीवर चढ़ जाता है 


ये सब सुनकर बोली मम्मी 
ग़ुस्से में मुँह खोली मम्मी 


और शाम तक खेलने जाओ 
मफ़लर टोपी नहीं लगाओ 


गर्म न कपड़े जब पहनोगे 
ठण्ड से कैसे बचे रहोगे 


पीते हो तुम फ़्रिज का पानी 
ज़िद में करते हो नादानी 


तौर-तरीक़े से जो चलोगे 
कभी न तुम बीमार पड़ोगे 
 

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