हम ने ख़ुश रह के  कमी  देखी है

01-07-2021

हम ने ख़ुश रह के  कमी  देखी है

संदीप कुमार तिवारी 'बेघर’ (अंक: 184, जुलाई प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

फ़ाईलातुन /  फ़ाइलुन / फ़ाईलुन 
2222     /   212   /    222
 
हम ने ख़ुश रह के  कमी  देखी है
हँसती  आँखों   में  नमी  देखी है
 
हमने देखा  आसमां  को  झुकते
माँ   के  पैरों  में   ज़मीं  देखी  है
 
सुख पाया ना मैं  पिता  से अपने 
ऐसे   क़िस्मत  से  ठनी  देखी  है
 
ख़्वाबों के साये में  पलकर हम ने 
बालू   की  शाला   बनी  देखी  है
 
हमने  देखा   चोर  की  चोरी  भी
औ फिर  भौहें  भी  तनी  देखी है
 

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