हाइकु सलिला

01-02-2021

हाइकु सलिला

आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' (अंक: 174, फरवरी प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

डॉ. जेन्नी शबनम के दूसरे हाइकु संकलन ’प्रवासी मन’ पर प्रतिक्रिया

प्रवासी मन 
कल्पना में, सच में 
निवासी मन। 
 
यह ज़िंदगी  
है लम्हों का सफ़र
सदियों चला। 
 
कवि की दृष्टि  
कर क्षितिज पार 
है शब्द सृष्टि। 
 
कथ्य असीम
गागर में सागर 
हाइकु लिए। 
 
हाइकु नदी 
शब्द-शब्द लहर
भाव भँवर। 
 
नापे आकाश 
नन्हा शिशु हाइकु
तोड़ता पाश। 
 
है शब नम
नयन पुरनम
पढ़ हाइकु। 

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