गिरगिट

01-05-2021

गिरगिट

सुभाष चन्द्र लखेड़ा (अंक: 180, मई प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

अपनी कविता “क़तरा क़तरा ख़ून हमारा, प्यारे वतन तुम्हारा है; सुना है दुश्मन ने सीमा पर पुनः हमें ललकारा है।“ को कवि सम्मेलन में चिर-परिचित जोशीले अंदाज़ में पढ़ने के बाद जब वे घर पहुँचे तो उनके बेटे अतुल ने बताया कि वह फ़ौज में भर्ती होना चाहता है।

वे अपने बेटे से तनिक रोष भरे स्वर में बोले, “फ़ौज में जाकर क्या करेगा? वर्दी पहनने का ही शौक़ है तो पुलिस में भर्ती होने की सोच। अपने मामा के बेटे को देख। पाँच साल की नौकरी में कितना कुछ कर लिया उसने।”

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

कविता - हाइकु
स्मृति लेख
लघुकथा
चिन्तन
आप-बीती
सांस्कृतिक कथा
हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी
व्यक्ति चित्र
कविता-मुक्तक
साहित्यिक आलेख
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में