एक गाँव था मेरा 

01-07-2021

एक गाँव था मेरा 

पूनम चन्द्रा ’मनु’ (अंक: 184, जुलाई प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

एक ख़ूबसूरत सा गाँव था मेरा 
बिना रोशनी के रास्ते थे 
शहर के गिद्धों ने दरख़्तों को काट कर 
अपने आशियाने बना लिए 
और मेरे परिंदों को बेघर कर दिया 
अब वो पगडंडियाँ कहीं नहीं दिखती 
कोई राह . . . 
कहीं नहीं पहुँचती 

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