दुनिया
कविताख़त की लिखावट देखी
जानी पहचानी - सी लगती है
ऐ दुनिया! तू मुझको
अनजानी सी लगती है...
रिश्तों के नाम तो वही हैं,
पर रिश्ते बदल गये हैं
लोग तो वही हैं
पर निगाहें बदल गई है...
अजीब - सी नज़रे हैं
अजब- से नज़ारे हैं
दुनिया तो वही है
दुनिया - वाले बदल गये हैं...
रंग - बिरंगी दुनिया में
गिरगिट भरे हुए हैं सारे
पहचान मुश्किल है
मुखौटा पहने हुए हैं सारे...