ऐ! वक़्त रुक तो ज़रा-सा,
कुछ कहना है कहने दो,
दिल की बात ज़ुबां से निकली,
दो बात प्रिया से कहने दो।
अरसों बाद मिली हो तुम,
सिलसिला ये मिलन का चलने दो,
जल्दी में क्यों हो इतना,
ज़रा सूरज को तो ढलने दो।
अरमां क्या है दिल के तुम्हारे,
वो राज़ ज़रा-सा खुलने दो,
क़रीब आवो मौक़ा है ख़ास,
साँसों में साँस ज़रा-सा घुलने दो।
तेरी रूह से करता प्यार,
हुस्न-ए-अदा पर मरने दो,
ज़माने को गवारा ये साथ न होगा,
वो जलते है तो जलने दो।
मत ठुकराना ये प्यार,
अब तो बाँहें मिलने दो,
दुबारा मिले न ऐसा यार,
प्यार ज़रा-सा करने दो।