दीमक लगे रिश्ते 

15-03-2021

दीमक लगे रिश्ते 

राजेश ’ललित’ (अंक: 177, मार्च द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

हाथ लगाते 
चौखट टूटी
दरवाज़े खिसके
बाँबी टूटी
सब कुछ मिट्टी हो गया
 
हरे पेड़ के पत्ते
सोख कर ऊर्जा
सह न सके 
हवा की चुभन
झड़ गये पत्ते
पतझड़ के आते
टूटे सब रिश्ते नाते
ठूँठ रह गया 
बाग़ के बीच
निहारता हरियाली

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