डायरी के पन्ने

01-02-2020

डायरी के पन्ने

डॉ. भूपेन्द्र हरदेनिया 'मौलिक’ (अंक: 149, फरवरी प्रथम, 2020 में प्रकाशित)

एक दिन पुरानी डायरी का 
एक पन्ना
अचानक जैसे -
कुछ कहने लगा
उभरकर कर आए 
अचानक कुछ नाम
जो सम्बन्धित थे


एक ख़ुशी से और 
वह थी भविष्य में,
घर में बच्चे के जन्म लेने जैसी घटना की 
पिता बनने की
इसीलिए 
अति उत्साह का संचार भी अंतरंग में
साथ इसी के जन्म लेती है एक योजना
योजना अजन्मे बच्चे के नामकरण की


योजना एक विलग क़िस्म के नाम की, 
संस्कार की
सोचा गया, पड़ताल की गई, 
खंगाला गया
शब्दकोशों और विश्वनाम कोशों को,
विवेचना हुई, हुआ विमर्श 
कुछ श्रेष्ठ नामों और 
उनके अर्थ-पर्यायों पर 
नाम जो निष्कर्षतः सामने थे, 
जिन्हें चुना गया था 
मेरे द्वारा सामूहिक रूप से
वे थे 
वैदिक, विनायक,अध्वर्यु, सिद्धार्थ,
ऋषभ, व्योम, हर्ष, जलज, 
विलोचन, नलिन, कैवल्य


बेटी के जन्म के अट्ठारह माह बाद
वे नाम जो कभी लिखे थे 
किसी पृष्ठ पर
वे पृष्ठ मानो 
जानबूझकर 
कर रहे थे इंतज़ार 
समय का
दिखाने के लिए आईना।


इसीलिए वे पुनः 
उपस्थित हुए मेरे समक्ष
वे ही पृष्ठ मुझे मेरी 
तत्कालिक मनःस्थिति के लिए 
कोस रहे हैं
दे रहे हैं उलाहना 
उन्हीं नामों को प्रत्यक्षदर्शी बनाकर
अभिशप्त, श्रापित-सा मुझे छोड़
पलट जाते हैं फेरकर मुँह अपना 


लौट जाते हैं अपने पन्ने साथियों के पास 
धकेल जाते हैं पछताने के लिए 
अकेला अग्निवन में झुलसने के लिए

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