दर्द
विजय कुमार सप्पत्तिजो दर्द तुमने मुझे दिए,
वो अब तक सँभाले हुए हैं !!
कुछ तेरी ख़ुशियाँ बन गई हैं
कुछ मेरे ग़म बन गए हैं
कुछ तेरी ज़िंदगी बन गए हैं
कुछ मेरी मौत बन गए हैं
जो दर्द तुमने मुझे दिए,
वो अब तक सँभाले हुए हैं !!
जो दर्द तुमने मुझे दिए,
वो अब तक सँभाले हुए हैं !!
कुछ तेरी ख़ुशियाँ बन गई हैं
कुछ मेरे ग़म बन गए हैं
कुछ तेरी ज़िंदगी बन गए हैं
कुछ मेरी मौत बन गए हैं
जो दर्द तुमने मुझे दिए,
वो अब तक सँभाले हुए हैं !!