डर के आगे जीत

01-06-2021

डर के आगे जीत

सुधीर श्रीवास्तव (अंक: 182, जून प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

उठो! आगे बढ़ो
हुंकार भरो, प्रस्थान करो,
डर डरकर जीना छोड़ो
छुप छुप कर रहना छोड़ो।
हौसला करो
हर मुश्किल से लड़ो
बुलंद हौसले के साथ आगे बढ़ो
दो दो हाथ करो।
 
क्या पता जीत तुम्हारी हो?
तुम्हारी कमज़ोरी ही
तुम पर पड़ रही भारी हो।
तुम कमज़ोर नहीं
निडर, निर्भीक, शक्तिशाली हो
बस अपने सोये हौसले को जगाओ
अपने मन में बैठे डर को भगाओ।
 
उहापोह से बाहर निकलो
आगे बढ़ो, सामना करो
डरकर हारने का न विचार करो
क्योंकि डर के आगे जीत है
दुनिया की यही रीति है
जीत से ही तो तुम्हारी प्रीत है।

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