चलो, लौट आवो

15-06-2021

चलो, लौट आवो

महेश रौतेला (अंक: 183, जून द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

चलो, लौट आवो
साथ-साथ चलने के लिये
चलो, लौट आवो।
 
प्यार के लिये
चलो, लौट आवो, 
घर सजाने के लिये
चलो, लौट आवो।
 
अपनी मुस्कान के लिये
चलो,  लौट आवो, 
सुख-दुख को समेटने
चलो,  लौट आवो।
 
शाम को गुनगुनाने
चलो,  लौट आवो, 
धीर-वीर कुछ बातें करने
चलो,  लौट आवो।
 
वायरस को हराकर
चलो, लौट आवो, 
साँसों को जोड़ने
चलो, लौट आवो।

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