बुढ़ापा

डॉ. जय नारायन लाल (अंक: 161, अगस्त प्रथम, 2020 में प्रकाशित)

नहीं हैं केवल बढ़ी उमर 
का नाम बुढ़ापा
नहीं हैं केवल घटी नज़र 
का नाम बुढ़ापा
नहीं हैं केवल झुकी कमर 
का नाम बुढ़ापा
नहीं हैं केवल छोर सफ़र 
का नाम बुढ़ापा


कभी कभी स्मृतियों में खो जाने 
का नाम बुढ़ापा
समझी बुझी बातों के विस्मृत हो जाने 
का नाम बुढ़ापा
इच्छा होने पर भी न जा पाने 
का नाम बुढ़ापा
इच्छा होने पर भी न खा पाने 
का नाम बुढ़ापा


अपनों के साथ न रह पाने 
का नाम बुढ़ापा
छोटे मोटे ताने भी न सह पाने 
का नाम बुढ़ापा
अपनों से भी मन की बात न कह पाने 
का नाम बुढ़ापा
युग की धारा के साथ न बह पाने 
का नाम बुढ़ापा


क्रूर प्रकृति की क्षमताओं 
का नाम बुढ़ापा 
अनेकानेक प्रकार की विवशताओं 
का नाम बुढ़ापा
क़दम क़दम पर होती निर्भरताओं 
का नाम बुढ़ापा
शारीरिक मानसिक क्षमताओं 
का नाम बुढ़ापा


अपने पैसे भी अपने मन से व्यय न कर पाने 
का नाम बुढ़ापा
अपने मन से अपने विषय में तय न कर पाने 
का नाम बुढ़ापा
कुछ घावों के जीवन भर न भर पाने 
का नाम बुढ़ापा
कभी कभी इच्छा जगने पर भी न मर पाने 
का नाम बुढ़ापा

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