बोलो पामरियो

01-09-2021

बोलो पामरियो

राजनन्दन सिंह (अंक: 188, सितम्बर प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

मूल प्रमाणिक समाचार
मैंने पढ़ लिया है
इंटरनेट पर
 
टीवी चैनल के पामरियो
अब तुम बोलो
एक ही वाक्य को
छत्तीस टुकड़े-टुकड़े में घोलो
तुम्हारा चैनल मैंने 
मनोरंजन के लिए ही खोला है
तेरी उछल कूद 
तेरे ढोल नगाड़े
तेरा झूठ तेरा बातों को मरोड़ना 
और हर बात को घुमा-फिरा कर
अपने आक़ा हित से जोड़ना 
ऊपर से तेरे तेवर
तेरा कूद-कूद इतराना
एक सांकेतिक समूह विशेष का
मुँह चिढ़ाना
ये सब मिलकर 
एक अच्छा मनोरंजन है
मूल प्रमाणिक समाचार
मैंने पढ़ लिया है
इंटरनेट पर
बोलो पामरियों
अब तेरी बारी है
अब तुम बोलो
और बोलते रहो
 
देशज शब्द:
पामरिया= भारतीय गाँवों में शुभ अवसरों पर अपने यजमानों के गुणगान तथा नाच-गाकर बधाइयाँ माँगनेवाले कलाकार

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