बिटिया जब मायके आती है
मंजु आनंदबिटिया जब मायके आती है,
माँ उसका चेहरा पढ़ लेती है,
बिटिया चाहे मुस्कुराती है,
माँ दर्द उसका झट से भाँप जाती है,
नहीं कहती कुछ भी बिटिया से,
बस गले मिल ममता लुटाती है,
कोई फ़िक्र की बात नहीं,
कहती बिटिया से माँ यही,
फिर स्वयं फ़िक्र में डूब जाती है,
बिटिया दोनों ही घर हैं तुम्हारे,
इस घर का अभिमान हो तुम,
उस घर की अब शान हो तुम,
माँ कुछ ऐसे बिटिया को समझाती है।
माँ देगी सदा उसका साथ,
ऐसा कह कर बिटिया को भरोसा दिलाती है,
माँ है उसकी सखी सहेली,
कह कर बिटिया का सर सहलाती है,
बिटिया पर प्यार बरसाती है,
एक माँ ही है जो रिश्तों का मोल,
समझती और समझाती है,
बिटिया जब मायके आती है।
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