बीते हुए कल
अमित डोगराअरे! बीते हुए कल
बेफ़िक्र होकर मत घूम।
तुमसे अपने हर दर्द का
हिसाब लूँगा।
अरे! बीते हुए कल
बेफ़िक्र होकर मत हँस
तुमसे अपने हर आँसू का
हिसाब लूँगा।
अरे! बीते हुए कल
बेफ़िक्र होकर मत सो
तुमसे अपनी हर नींद का
हिसाब लूँगा।
अरे! बीते हुए कल
बेफ़िक्र होकर अपनी
झूठी शान पर मत इतरा,
तुमसे अपने हर अपमान का
हिसाब लूँगा।