बस्ते का  परिमाण

01-07-2019

बस्ते का  परिमाण

हरिपाल सिंह रावत ’पथिक’

बचपन को तुलते देखा है, 
बस्ते के परिमाण में।
कभी दिखावे.. में जलते, 
कभी झुलसते नाम में।

 

यही दिखावा, भरता है निज, 
स्वार्थ -जनित मनुजों के घर।
यही कर... उठा-पटक कतरे है,
निज, कोमल-छुटपन के पर।

 

बचपन बह जाता न जाने,
कब अह्न की  धार में,
बचपन को तुलते देखा है।

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