बहुत हुआ अब सुन कोरोना

01-08-2020

बहुत हुआ अब सुन कोरोना

डॉ. आर.बी. भण्डारकर (अंक: 161, अगस्त प्रथम, 2020 में प्रकाशित)

कहने   को    सर्दी-ज़ुकाम है
लेकिन इसका रूप   भयंकर।
दुनिया जब तक समझ न पायी
रूप हो गया इसका प्रलयंकर॥


कोविड उन्नीस नाम  मिला है
जन-मन मे  केवल   कोरोना।
ऐसा छाया   है      जग भर में
बचा नहीं अब    कोई कोना॥


सर्दी-खाँसी, ताप  हैं   लक्षण
पर कुछ लक्षण बड़े विलक्षण।
लक्षण दिखे बिना आ जाता
सुनो धनुर्धर राम औ लक्ष्मण॥

+   +   +   +   +   +   +   +

आँख, नाक, मुँह ढकना सीखा
कुछ दूर दूर आपस में रहना।
हाथ धुलें सब बार-बार फिर
अब मुश्किल कोरोना टिकना॥


आयुर्वेद के ढेरों नुस्ख़े, फिर
योग्य चिकित्सक पास हमारे।
तुम डाल डाल हम पात पात
अब बंद हुए सब मार्ग तुम्हारे॥


बहुत हुआ, अब सुन कोरोना
जग से जल्द विदाई ले लो।
सजग हो गया अब जग सारा
नहीं गलेगी अब दाल समझ लो।

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