बहुत दूर जाना है
डॉ. रामवृक्ष सिंहऔषधियाँ तब काम करेंगी, जब तुम करने दोगे।
ख़ुद को कर निसहाय नहीं तुम असमय मरने दोगे।
जीवन-मृत्यु बहुत कम अंतर, छोटी-सी है बात।
वही जिया जो बिता सका नैराश्य भरी यह रात।
आओ, मन को समझाओ, करने हैं कितने काम।
नहीं-नहीं, ऐसे कैसे छोड़ें जीवन-संग्राम।
बहुत दूर जाना है, अभी तो पकड़े जीवन-डोर।
आती है रौशनी चलो बस पकड़ उसी का छोर।