सोचता हूँ
जिन लम्हों को,
हमने एक दूसरे के नाम किया है
शायद वही ज़िंदगी थी !
भले ही वो ख़्यालों में हो ,
या फिर अनजान ख़्वाबों में ..
या यूँ ही कभी बातें करते हुए ..
या फिर अपने अपने अक़्स को,
एक दूजे में देखते हुए हो ....
पर कुछ पल जो तुने मेरे नाम किये थे...
उनके लिए मैं तेरा शुक्रगुजार हूँ !!
उन्हीं लम्हों को,
मैं अपने वीरान सीने में रख,
मैं,
तुझसे ,
अलविदा कहता हूँ ......!!!
अलविदा !!!!!!