आपसी भाईचारा

15-06-2021

आपसी भाईचारा

राजीव कुमार (अंक: 183, जून द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

नंदीपुरा और खादीमगंज के बुज़ुर्गों ने गाँवों को निर्जन स्थान पर बसाया था। दोनों गाँवों के बुज़ुर्गों ने एक सद्भावनात्मक इच्छा के वशीभूत होकर और ताकि आपसी भाईचारा लोगों में बना रहे इसलिए नंदीपुरा में मस्जिद और खादीमगंज में मंदिर बनवा दिया।

वर्षों से लोग एक-दूसरे गाँव में पूजा और नमाज करते-पढ़ते थे। शांति और सुकून के अद्भूत मिश्रण के क़िस्से हर जगह व्याप्त थे। सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था।

नई पीढ़ी की सोच ने दोनों धर्मों के लोगों को उकसाया और अपने-अपने देव को अपने ही गाँव में स्थापित करने की योजना बनने लगी।

अल्लाह और भगवान की चिन्ता बढ़ने लगी, सम्प्रदायवाद पनपता नज़र आने लगा।

भगवान की वाणी पंडित को सुनाई पड़ी और अल्लाह के बोल मौलाना के कान तक कि "हम दोनों जहाँ हैं, वहीं रहेंगे, बहुत ज़्यादा अगर उधम मचाया जाएगा तो इन गाँवों को छोड़कर चले जाएँगे।"
वो योजना तो धराशायी हो गयी लेकिन यदा-कदा लोगों के मन में ऐसी भावना पनपती रहती है और ऊपर वाले सबको सद्‌बुद्धि देते रहते हैं।

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