आओ इक तस्वीर ले लें यार की हंसते हुए

01-10-2021

आओ इक तस्वीर ले लें यार की हंसते हुए

कु. सुरेश सांगवान 'सरू’ (अंक: 190, अक्टूबर प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

2122    2122     2122    212
 
आओ इक तस्वीर ले लें यार की हंसते हुए
बीत जाए फिर हमारी ज़िंदगी हंसते हुए
 
सीख लो तुम भी अदा दिल जीत लेने का हुनर
बोलती है आपकी ये सादगी हंसते हुए
 
जी रहा है कौन कितना क्या भला हमको पता
कर रहे हैं लोग सारे ख़ुदक़शी हंसते हुए
 
आप चाहे भूल जाएं इस गली का रास्ता
हम निभायेंगे सदा ही दोस्ती हंसते हुए
 
है यही अपनी तमन्ना बीत जाये बस यूं ही
जिस घड़ी में जी रहे हैं वो घड़ी हंसते हुए

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

ग़ज़ल
नज़्म
कविता
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में