आँखें
डॉ. जियाउर रहमान जाफरीये छोटी सी काली आँखें
कितनी हिम्मत वाली आँखें
नज़र गड़ाए सरहद की
करती है रखवाली आँखें
रो देती है थोड़े दुःख में
रख देती है लाली आँखें
सबके दिल को मायल कर दें
ये है हँसने वाली आँखें
जग रौशन है इससे अपना
हमने अगर बचा ली आँखें
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