सुगंध ना तेरे फूलों में आए, काम ना तू किसी के आए, क्या-क्या तू रंग दिखाए? हर मौसम में तू डटा रहे,
रे आक।
नित नूतन तू फले फूले, शिव ही तेरी माया जाने, क्यों तू उनको भाए? सारे तुझसे डरके भागे,