आईने ने सुना दी कहानी मिरी
अनन्त कौरआईने ने सुना दी कहानी मिरी
याद मुझ को दिलाई जवानी मिरी
जाने क्या बात थी सोचते ही जिसे
रुक गई धड़कनों की रवानी मिरी
बात पहुँची मिरी उसके होंठों तलक
काम आई मिरे बेज़बानी मिरी
वो जहाँ भी था अपना समझता मुझे
बात इतनी भी कब उसने मानी मिरी
बेतलब बेसबब मुस्कुराती हुई
वो थी तस्वीर शायद पुरानी मिरी
तुझसे बिछुड़ी हूँ लेकिन मैं तन्हा नहीं
अब मिरे साथ है रायगाँनी मिरी